भारतीय स्ट्रीमिंग की दुनिया में, कहानी कहने का एक उल्लेखनीय चलन रहा है जो त्रासदियों के इर्द-गिर्द घूमती है और ऐसी घटनाओं को प्रदर्शित करती है जो बेहद दुखद या परेशान करने वाली होती हैं। ऐसी ही घटनाओं पर आधारित नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध एक वेब सीरीज “द रेलवे मेन” भी शामिल है। यह दर्शकों को 1984 के दौरान भोपाल में हुई एक दिल दहला देने वाली घटना की याद दिलाता है, जब यूनियन कार्बाइड कारखाने में एक भयावह गैस रिसाव ने हजारों लोगों को भारी नुकसान पहुंचाया था और शहर के इतिहास पर एक अमिट छाप छोड़ी थी।
The Railway Men: भोपाल गैस ट्रेजेडी पर बनी है ये सीरीज

नेटफ्लिक्स पर यह सीरीज आई है बॉलीवुड की तरफ से इनको बनाया है यशराज फिल्म्स इंटरटेनमेंट ने। आपको बता दूं कि YRF की यह पहली वेब सीरीज है, नेटफ्लिक्स पर अवेलेबल है और टोटल मिलाया जाए तो चार एपिसोड देखने के लिए आपको 4 घंटे जरूर लग जाएंगे। तो कैसी है यह सीरीज? आइए जानते हैं इस आर्टिकल में।
चार एपिसोड की यह मिनी सीरीज, बेस्ड है एक रियल लाइफ ट्रैजिक इंसीडेंट पर (1984 में हुए भोपाल गैस ट्रेजेडी पर), जहां एक केमिकल फैक्ट्री से मिथैल आइसोसायनाइड जैसी जानलेवा गैस लीक हो गई थी। इस कांड में सिर्फ एक रात में 15000 से भी ज्यादा जाने चली गई थी, जिसमें से ज्यादातर लोग तो आधी नींद में ही चल बसे थे, बच्चे, बूढ़े, जवान सभी इस जहरीली गैस का शिकार हुए थे।। इस ट्रैजिक इंसीडेंट को चार एपिसोड की सीरीज में थोड़ा एक्स्ट्रा ड्रामा और थोड़ा सा फिक्शन जोड़ करके हमें दिखाया गया है।
साथ ही इस पूरे सीरीज में और खासकर लास्ट में रियल लाइफ ट्रैजिक इंसीडेंट के वीडियो और फोटोस भी इस्तेमाल किए गए हैं ताकि उसे समय की स्थिति की गंभीरता को दर्शाया जा सके। और गंभीरता से आपको बता दूं कि इस पूरे सीरीज में कुछ एक ऐसे दृश्य है जो आपको विचलित कर सकते हैं सेकंड एपिसोड के लास्ट सीन में एक मां का दूध पीते हुए छोटे से बच्चे का एक फुटेज है वह सीन आंखों में पानी ला देने वाला था। इसे हम सिर्फ इमेजिन ही कर सकते हैं, लेकिन जिस टाइम में यह ट्रैजिक इंसीडेंट हुआ होगा और जब 15000 से भी ज्यादा जान गई थी, ना जाने कितने ही लोगों ने अपनों को खाया होगा।
खैर, ज्यादा इमोशनल ना होकर अगर हम सीरीज को टेक्निकली जज करने की कोशिश करें तो स्टोरी लाइन और एक्टिंग वाइस कहीं पर भी दिक्कत दिखाई नहीं दे रही है और इस पूरे सीरीज में जो एक इंटेंस म्यूजिक बजते रहता है और वह उसे सांस वाला एक बैकग्राउंड म्यूजिक इफेक्ट है, जो आपके रोंगटे खड़े कर देता है और आपको सिचुएशन के साथ जोड़े रखता है। ओवर ऑल यह सीरीज थ्रिलिंग और टेंशन के साथ आपको पूरे चार एपिसोड, रियल्टी और फिक्शन का एक ट्रैजिक इंसीडेंट दिखाने की कोशिश करती है और उसमें सक्सेस भी होती है।
सीरीज में बीच-बीच में गालियां भी है, लेकिन किसी भी तरह का कोई वल्गर सीन नहीं है। साथ ही बहुत सारे ग्राफिक कंटेंट है जैसे चीर–फाड़, डेड बॉडीज वगैरह–वगैरह। इसलिए आपसे अनुरोध है की ऐसे सीन के वक्त बच्चों को दूर रखें, इसके अलावा अगर आप 16+ उम्र में हो तो आराम से देख सकते हो। सीरीज में बहुत से डायलॉग इंग्लिश में है और अगर इंग्लिश की दिक्कत है तो हिंदी में सबटाइटल्स उपलब्ध है सो पूरे एस्पेक्ट्स को ध्यान में रखते हुए मेरी तरफ से इस सीरीज को पांच में से चार स्टार्स मिलते हैं।
केके मेनन, आर माधवन, दिव्येंदु निभा रहे हैं मुख्य किरदार

यह सीरीज हमें कई पात्रों से परिचय करवाती है, जहां प्रत्येक किरदार अपना व्यक्तिगत संघर्ष करता दिखाई दे रहा है। इसमें पिछले हादसे से परेशान स्टेशन मास्टर इफ्तेकार, स्टेशन पर पैसों पर चोर की नजर रखने वाला नया कर्मचारी इमाद और अन्य परस्पर विरोधी कहानियाँ हैं – जो सभी यूनियन कार्बाइड आपदा के दौरान सामने आती हैं। सबसे पहले हम तारीफ करना चाहेंगे इस पूरे सीरीज के कास्टिंग आर माधवन, केके मेनन, देवेंदु और बाबिल खान की, जो इस सीरीज के लीड एक्टर है, उनकी एक्टिंग माइंड ब्लोइंग नहीं हो ऐसा कभी हुआ नहीं होगा।
स्पेशली केके मेनन, जिन्हाेंने एक्टिंग नहीं की है, बस इस पूरे सीरीज में जान डाल दी है, ऊपर से जिस तरह से सीरीज को क्रिस्प रखा गया है उससे पूरे सीरीज में टेंशन का माहौल बना रहता है हालांकि आपको सभी को पता ही है कि अंत में क्या होने वाला है, फिर भी सीरीज का प्रजेंटेशन ऐसा है कि आपका मन लगा रहता है। सीरीज में संदीप भैया यानी सनी हिंदुजा, देवेंद्र भट्टाचार्य, रघुवीर यादव, जूही चावला और मंदिरा बेदी का भी एक इंपॉर्टेंट कैमियो अपीरियंस है और उन्होंने भी अच्छा काम किया है।