पिछले एपिसोड(Doree Episode 8) में आपने देखा कि वंश डोरी का दुपट्टा लेकर आता है और उस दुपट्टे को देखते ही दुपट्टे का डिज़ाइन शुक्ला को पसंद आ जाता है।
Doree Episode 9: शुक्ला को पसंद आया डिज़ाइन

आज के एपिसोड की बात करें तो वंश कैलाशी देवी को डोरी का दुपट्टा दिखाता है और पूछता है कि ये दुपट्टा किसका है तो जैसे ही कैलाशी देवी देखती है कि शुक्ला को दुपट्टे का डिज़ाइन पसंद आ रहा है, वो वंश से वो दुपट्टा ले लेती है और बड़ी चालाकी से शुक्ला को ये दुपट्टा दिखाकर कहती है कि अभी सिर्फ ये एक डिजाइन है, ये पसंद आए तो ठीक है वरना इस डिजाइन को वो अपने दिल्ली और मुंबई के कस्टमर को भेज देगी।
इस पर शुक्ला कैलाशी देवी को रोकता है कि इतने दिनों बाद तो सोलह सिंगार की पुरानी वाली धार देखी है। शुक्ला फ़ौरन इस डिज़ाइन को पसंद कर लेता है और कारीगर से मिलने की बात करता है। कैलाशी देवी शुक्ला से बहाना बनाकर कारीगर से बाद में मिलवाने की बात करती हैं।
कैलाशी इस कपड़े के बारे में पूछती है तो वंश बताता है कि ये दुपट्टा डोरी का है। कैलाशी देवी आनंद को डोरी को लाने को कहती है और साथ ही इस कपड़े को बनाने वाले को ढूंढने को कहती है। आनंद डोरी को लेने बाहर कचरे की गाड़ी के पास जाता है तो देखता है कि गाड़ी वहां नहीं है। आनंद घबरा जाता है कि अगर डोरी नहीं मिली तो कैलाशी देवी उसे छोड़ेगी नहीं।
गंगा ने डोरी को आग से बचाया

इधर गंगा प्रसाद डोरी को नाव में बैठकर ढूंढ रहा होता है तभी वो मानसी को चिल्लाते हुए देखता है। वो तुरंत नाव से उतर कर उस कचरे के ढेर में जाता है जहां मानसी ने बताया था। वो देखता है उस कचरे में डोरी होती है, वो तुरंत डोरी को बाहर निकालता है और उसके जगाने की कोशिश करता है।
बहुत देर तक डोरी को होश नहीं आता है तो गंगा प्रसाद लोगो से मदद मांगता है लेकिन कोई उसकी मदद के लिए नहीं आता है। वही मानसी संकटा माता से प्रार्थना करती है और तभी डोरी को होश आ जाता है। मानसी संकटा माता को हाथ जोड़कर वहां से चली जाती है।
वो डोरी को लेकर संकटा माता मंदिर जाता है और डोरी से शिकायत करता है कि वो क्यू चली गई। डोरी कहती है कि वो अपने बाबा के लिए उनसे दूर गई थी। नानी ने बोला कि अगर वो उसके बाबा के पास रहेगी तो उसके बाबा भगवान के पास चले जायेंगे। इस पर गंगा कहता है कि वो उसकी वजह से जीना सीखा है। गंगा प्रसाद डोरी से कहता है कि वो वादा करे कि वो अब कभी उसे छोड़कर नहीं पाएगी। डोरी वादा करती है और दोनों अपने घर जाने लगते हैं।
डोरी गंगा से मंदिर वाली मौसी के बारे में बताती है कि मंदिर वाली मौसी के अनुसार वो कृष्ण और उसके बाबा यशोदा हैं। इधर हवेली में कैलाशी देवी अपने घर के मंदिर में जाती हैं और संकटा माता की आरती उतारती हैं और उधर आनंद डोरी को ढूंढने के लिए बनारस की गलियों में भटक रहा है।
आनंद-डोरी का आमना-सामना

गंगा और डोरी अपने घर जा रहे होते हैं तभी डोरी और आनंद आमने सामने आ जाते हैं। डोरी अपने बाबा से कहती है कि आनंद ने डोरी को बोरी में बांध कर कचरे की गाड़ी में फेंक दिया था। आनंद गंगा को समझाने की कोशिश करता है कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया है, लेकिन गंगा उसकी बात नहीं सुनता है और उसे यहां से जाने को कहता है।
तभी आनंद डोरी को उसका दुपट्टा देता है और कहता है कि अगर वो डोरी के साथ ऐसा करता तो वो ये दुपट्टा देने क्यों आता। गंगा को कुछ समझ नहीं आता है और वो आनंद को यहां से जाने के लिए कहता है। आनंद मन ही मन सोचता है कि अगर हमें ये विदेशी कॉन्ट्रैक्ट चाहिए तो गंगा को मनाना ही पड़ेगा और यहीं से आज के एपिसोड की समाप्ति होती है।
दोस्तों, क्या आनंद गंगा को मना पाएगा? क्या गंगा और डोरी आनंद के साथ जाने को तैयार होंगे? जाने के लिए डोरी का अगला एपिसोड देखना ना भूले और साथ में लेटेस्ट अपडेट के लिए हमारे पेज देखें सिनेमा को जरूर फॉलो करें। धन्यवाद।
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