Doree Episode 8: क्या आनंद ने मुसीबत में डाली डोरी की जान?

पिछले एपिसोड (एपिसोड 7) में आपने देखा कि डोरी जब हवेली में हो रहे विशेष रिवाज के बीच में आ जाती है, वहां मौजुद सभी लोग डोरी को देख कर चौंक जाते हैं और कैलाशी देवी का चेहरा गुस्से में तमतमाने लगता है।

Doree Episode 8: कैलाशी देवी का गुस्सा पहुचा सातवे आसमान पर

Doree Episode 8: कैलाशी देवी का गुस्सा पहुचा सातवे आसमान पर

आज के एपिसोड की बात करें तो जैसे ही डोरी कार्यक्रम के बीच में आती है, छोटी बहू और कैलाशी देवी डोरी को पहचान लेती हैं और कैलाशी देवी गुस्से में डोरी से यहां आने का कारण पूछती हैं। तभी वंश डोरी को चोर बताता है और कहता है कि डोरी उसका कल दौड़ में जीता हुआ कप चुराने आई है।

छोटी बहू ये सब देख कर कहती है कि अब मेरे बच्चे भी इस डोरी की तरह चोर लड़कियां होंगी, ये सुनते ही कैलाशी देवी छोटी बहू को डांट कर चुप कराती है और कहती है कि ऐसे मनहूस बातें ना करें, उसके परिवार में सिर्फ लड़के पैदा हुए होते हैं।

नानी पर फूटा गंगा प्रसाद का गुस्सा

यहां गंगा प्रसाद अपनी नानी से लड़ाई करने लगता है और वह पूछता है कि नानी उसको बताएं कि उसकी डोरी को उसने कहां भेज दिया है। नानी कहती है कि उसने ये सब गंगा की भलाई के लिए किया है लेकिन गंगा प्रसाद नानी को धमकाता है कि अगर डोरी नहीं मिली तो वो नानी से अपने सारे रिश्ते भूल जाएगी।

गंगा नानी को बताया है कि डोरी नानी को कितना प्यार करती थी और नानी ने उसे मनहूस कहकर घर से निकाल दिया। उसने नानी को बताया कैसे डोरी ने नंगे जोड़े दौड़ कर इनाम जीता और शीला से उसकी सिलाई मशीन लेकर आई या आपने उसके साथ ऐसा व्यवहार किया।

इधर हवेली में कैलाशी देवी डोरी से पूछती है कि इस हवेली में उसकी हिम्मत कैसे हुई आने की, तभी उसका बेटा आनंद कहता है कि मां आप हुकम दो, इस लड़की को ऐसी सजा दूंगा कि ये जिंदगी भर याद रखगी। तभी मझली बहू मानसी के बीच में आती है और कहती है कि वो डोरी को हवेली में लाई थी खाना खिलाने के लिए।

छोटी बहू मानसी कहती है कि आपने ये सब इसलिए किया न कि उसकी बेटियां हो और वंश इस परिवार का वारिस बना रहे तो इस पर मानसी कहती है कि वो कभी इस घर में किसी को बेटी होने की बद्दुआ नहीं देगी।

शुक्ला को पसंद आई डिज़ाइन

कैलाशी देवी अपनी बहुओं से कहकर पूरे घर से डोरी के पेरो के निशान साफ करवाती हैं और आनंद को उस लड़की को घर से बाहर फेकने का हुक्म देती हैं। तभी शुक्ला जी वहां आते हैं और डिजाइन तैयार होने की बात पूछते हैं। कैलाशी देवी और आनंद कुछ बोल नहीं पाते हैं जिन्हें देख कर शुक्ला समझ जाता है कि अभी तक कोई डिज़ाइन नहीं मिला है।

तभी वंश वहां डोरी का दुपट्टा लेकर आता है और कैलाशी देवी से पूछता है कि ये कपड़ा किसका है, शुक्ला की नजर उस कपड़े पर टिक जाती है, जिसे कैलाशी देवी देख कर समझ जाती है कि इस कपड़े पर बना डिजाइन शुक्ला को पसंद आ गया है।

आनंद ने डोरी को फेका कचरे की गाड़ी में

इधर आनंद कैलाशी देवी के हुकम पर डोरी को बोरी में बांध कर कचरा वाली गाड़ी में फेक देता है। मानसी ये सब देख लेती है और डोरी को बचाने के लिए कचरे वाली गाड़ी के पीछे चली जाती है। वो देखती है कि गंगा नदी के किनारे उस कचरे को जलाया जा रहा है। वो जोर से चिल्लाती है कि उस कचरे में बच्ची है, लेकिन दूर होने की वजह से कोई उसकी आवाज नहीं सुनता है और उस कचरे में भी आग लगा देता है जिस कचरे में डोरी थी। इसी के साथ डोरी का ये एपिसोड यहीं ख़त्म हो जाता है।

दोस्तों, क्या मानसी डोरी को बचा पायेगी? क्या शुक्ला जी को ये डिज़ाइन पसंद आएगा? क्या गंगा को उसकी डोरी मिल पायेगी? जानने के लिए डोरी का अगला एपिसोड देखना ना भूले।

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